doomsday fish

हाल ही में तमिलनाडु के तट पर एक बेहद दुर्लभ समुद्री जीव — “ओआरफिश” (Oarfish), जिसे आमतौर पर “डूम्सडे फिश“(doomsday fish) कहा जाता है — देखी गई है। इस गहरे समुद्र में रहने वाली रहस्यमयी मछली के दिखने से न केवल वैज्ञानिक समुदाय चौंक गया है, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी चिंता की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सात मछुआरे इस विशालकाय मछली को पकड़े हुए नजर आ रहे हैं।Rare 'doomsday fish' spotted in Tamil Nadu

ओआरफिश(doomsday fish): गहरे समुद्र की रहस्यमयी मछली:

ओआरफिश एक लंबी, पतली, रिबन जैसी मछली होती है, जिसकी लंबाई 10 से 15 फीट तक हो सकती है और कुछ मामले में यह 50 फीट तक भी देखी गई है। इसका शरीर चांदी जैसा चमकदार होता है, और सिर के पास एक लाल रंग की कलगी जैसी पंख (crest) होती है। यह जीव सामान्यतः समुद्र की गहराई में, लगभग 200 मीटर से लेकर 1000 मीटर नीचे पाया जाता है और सतह पर बहुत ही कम आता है।

‘डूम्सडे फिश’ नाम क्यों पड़ा?

ओआरफिश को “डूम्सडे फिश” (Doomsday Fish) यानी “प्रलय की मछली” नाम जापानी लोक मान्यता से मिला है। जापान में यह माना जाता है कि जब भी यह मछली सतह पर नजर आती है या किनारे पर बहकर आती है, तो यह किसी बड़े प्राकृतिक आपदा — जैसे कि भूकंप या सुनामी — का संकेत होती है।

इतिहास में इसके कई उदाहरण मिलते हैं:

  • 2011 की जापान सुनामी के कुछ हफ्तों पहले जापान के तटों पर कई ओआरफिश देखी गई थीं।

  • 2023 में ताइवान में आए भूकंप से पहले भी इस मछली की उपस्थिति दर्ज की गई थी।

क्या डूम्सडे फिश प्राकृतिक आपदा का पूर्व संकेत देती है?

जापानी लोग मानते हैं कि यह मछली समुद्र के भीतर होने वाली भूकंपीय गतिविधियों को पहले से महसूस कर सकती है। जब समुद्र के भीतर किसी बड़ी हलचल की संभावना होती है, तो ये मछलियाँ असहज होकर सतह की ओर आ जाती हैं, मानो इंसानों को चेतावनी दे रही हों।

हालांकि, वैज्ञानिक रूप से इस धारणा की पुष्टि नहीं हुई है। समुद्री जीव वैज्ञानिकों का कहना है कि ओआरफिश सतह पर केवल तभी आती है जब वे बीमार होती हैं, मरने की अवस्था में होती हैं या कभी-कभी प्रजनन के लिए। लेकिन इसके सतह पर आने की समय-सीमा और प्राकृतिक आपदाओं के बीच संबंध ने अब तक शोधकर्ताओं को भी सोचने पर मजबूर किया है।

तमिलनाडु में डूम्सडे फिश की हालिया उपस्थिति:

भारत में यह घटना बेहद दुर्लभ और महत्वपूर्ण मानी जा रही है। तमिलनाडु के मछुआरे जब समुद्र में सामान्य रूप से मछलियाँ पकड़ने गए थे, तो उन्होंने इस अद्भुत जीव को देखा और उसे पकड़कर किनारे लाए। इस घटना का वीडियो अब इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है।

इसके अलावा, बीते कुछ महीनों में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कैलिफोर्निया में भी इस रहस्यमयी मछली की उपस्थिति दर्ज की गई है। ऐसे में इस मछली का बार-बार सतह पर आना कुछ वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

क्या डूम्सडे फिश वाकई भविष्यवक्ता है?

हालांकि यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि ओआरफिश का दिखना किसी आपदा का पक्का संकेत है, लेकिन इसके पीछे की लोक मान्यता और ऐतिहासिक उदाहरणों को नकारा भी नहीं जा सकता। भारत में पहली बार इस मछली का सामने आना एक दुर्लभ और रहस्यमयी घटना है, जो आने वाले समय में शोध का विषय बन सकती है।

निष्कर्ष:

इस घटना ने यह जरूर स्पष्ट कर दिया है कि प्रकृति के संकेतों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। चाहे यह मछली वाकई आपदाओं की पूर्व सूचना देती हो या नहीं, लेकिन इसके सतह पर आने के पीछे का कारण जानना और समझना हमारे लिए बेहद आवश्यक है।

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